शेयर बाजार में निवेश करने वालो के लिए BSE और NSE के नाम बहुत ही महत्वपूर्ण है ये दोनों ही भारत की सबसे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) है जहां कंपनियों के शेयरों की खरीद और बिक्री होती है। BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) भारतीय शेयर बाजार की रीढ़ माने जाते है इन दोनो के माध्यम से लाखो निवेशक और व्यापारी अपनी पूँजी को बढ़ाने और कंपनियों के विकास में भाग लेने का काम करते है
“नमस्कार” आज की इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएँगे की BSE और NSE क्या है, BSE और NSE का इतिहास BSE और NSE के बीच अंतर और इससे जुड़े और भी तथ्यों के बारे में जानकारी देंगे जानने के लिए आप को इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा
BSE क्या है? What is Bombay Stock Exchange in Hindi
BSE (Bombay Stock Exchange) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना 1875 में मुंबई में हुई थी यह विश्व का सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है, जहाँ हर रोज लाखो शेयरों का कारोबार होता है BSE ने भारतीय बाजार में निवेशकों के लिए विशवास का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
BSE का इतिहास: History of BSE in Hindi:
BSE की शुरुआत 1850 के दशक में कुछ गुजराती और पारसी शेयर ब्रोकर द्वारा हुई थी जो बॉम्बे (Mumbai) के दलाल स्ट्रीट पर पेड़ के नीचे बैठकर शेयरों की खरीद-बिक्री करते थे। धीरे-धीरे यह एक संगठित संस्थान बना और 1875 में इसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त हुई।
1995 में BSE ट्रेडिंग सिस्टम को पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक कर दिया जिसे BOLT (BSE On-Line Trading) के नाम से जाना जाता है इससे ट्रेडिंग प्रक्रिया और अधिक तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी हो गयी।
BSE के प्रमुख इंडेक्स:
BSE का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) है जो BSE पर लिस्टेड (Listed) 30 बड़ी और मजबूत कंपनियों के शेयरों के मूल्य को दर्शाता है जब सेंसेक्स (Sensex) ऊपर जाता है तो इसे आर्थिक विकास का संकेत माना जाता है जबकि सेंसेक्स का नीचे जाना मंदी का संकेत मन जाता है सेंसेक्स (Sensex) को भारतीय शेयर बाजार का स्वास्थ्य मापने के लिए एक मानक के रूप में देखा जाता है।
BSE पर लिस्टेड कंपनी:
BSE (Bombay Stock Exchange) पर हजारो कम्पनिया लिस्टेड है ये कंपनी विभिन्न क्षेत्रो जैसे बैंकिंग ऑटोमोबाइल, इंफ्रास्ट्रक्चर, आईटी आदि से आती है। BSE पर लिस्टेड कंपनियों में निवेश करने से निवेशकों को देश की प्रमुख कंपनियों का हिस्सेदार बनने का मौका मिलता है
NSE क्या है? What is NSE in Hindi?
NSE (National Stock Exchange) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और आधुनिक स्टॉक एक्सचेंज है इसकी स्थापना 1992 में हुई थी और यह दुनिया के सबसे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज में से एक है। NSE ने भारतीय शेयर बाजार में व्यापर को पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक बनाया है NSE पर ट्रेडिंग करना आसान और सुरक्षित है यह निवेश और व्यापारियों के बीच बहुत लोकप्रिय है
NSE का इतिहास Histoy of NSE in Hindi:
NSE की स्थपना भारतीय सरकार द्वारा 1992 में की गयी थी ताकि भारतीय शेयर बाजार मे एक आधुनिक पारदर्शी और सुरक्षित प्लेटफार्म लाया जा सके। 1994 में NSE ने अपने इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन बेस्ड ट्रेडिंग सिस्टम (Electronic Screen Based Trading System) को लांच किया जिसने शेयरों की खरीद बिक्री की प्रक्रिया को और भी आसान बना दिया NSE ने अपने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम के माध्यम से शेयर बाजार को डिजिटल की ओर आगे बढ़ाया इसके चलते NSE बहुत ही कम समय में भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बन गया
NSE का प्रमुख इंडेक्स निफ़्टी(Nifty):
NSE का प्रमुख इंडेक्स निफ़्टी (Nifty) है जो NSE पर लिस्टेड प्रमुख कंपनियों के शेयरों के मूल्य को दर्शाता है निफ्टी 50 कंपनियों का प्रतिनिधित्व (Representation) करता है जो अलग अलग क्षेत्रो से आती है यह भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को दर्शाता है
जैसे सेंसेक्स BSE का प्रमुख इंडेक्स है वैसे ही निफ़्टी NSE का प्रमुख इंडेक्स है
NSE पर लिस्टेड कंपनी:
NSE पर भी हजारो कम्पनिया लिस्टेड है जिनमे अलग अलग क्षेत्रो की प्रमुख कम्पनिया शामिल है NSE पर लिस्टेड कंपनी के शेयर में निवेश करने से भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का हिस्सा बन सकते है और अपने निवेश की बढ़ा सकते है।
BSE और NSE के बीच अंतर Difference between BSE and NSE in Hindi:
BSE और NSE दोनों ही भारत की प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन इनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी है
स्थापना वर्ष (Establishment Year): BSE की स्थापना 1875 में हुई जबकि NSE की स्थापना 1992 में की गयी।
प्रमुख इंडेक्स (Major Index): बसे का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स है जो 30 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है NSE का प्रमुख इंडेक्स निफ़्टी है जो 50 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है
ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume): NSE पर BSE की तुलना में अधिक ट्रेडिंग वॉल्यूम होता है इसका मतलब है कि NSE पर ज्यादा संख्या में शेयरों का कारोबार होता है
तकनिकी उन्नति (Technological Advancement): NSE तकनिकी रूप से अधिक उन्नत माना जाता है क्योंकि या पूरी तरह से एलेक्र्तोनिक और कंप्यूटर सिस्टम पर आधारित है BSE ने भी अपने सिस्टम को इलेक्ट्रॉनिक बनाया है लेकिन nse इस मामले में आगे है।
लिस्टेड कंपनी (Listed Company): BSE पर NSE की तुलना में अधिक संख्या में कम्पनी लिस्टेड है लेकिन NSE पर होने वाले ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume) और लिक्विडिटी (Liquiditi) अधिक है।
संपर्क और पहुंच (Contact and Access): BSE का मुख्यालय मुंबई में है और इसकी पहुंच पूरे देश में है यह भारत के हर कोने में निवेशक के लिए उपलब्ध है
NSE का मुख्यालय मुंबई में है और यह पूरे देश में फैला है इसकी आधुनिक तकनिकी सुविधाओं और ऑनलाइन ट्रेडिंग के कारण यह निवेशकों के बीच अधिक लोकप्रिय है।
निष्कर्ष conclusion:
BSE और NSE दोनों ही शेयर बाजार के घटक है जहाँ लाखो निवेशक और व्यापारी शेयरों की खरीद और बिक्री करते है इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर निवेशक अपनी पूँजी को बढ़ाने के लिए विभिन्न कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते है हालाँकि निवेश करने से पहले बाजार की जानकारी कंपनी की स्थिति और जोखिम का ध्यान रखना जरूरी है।