अगर आप स्टॉक मार्केट में थोड़ा-सा भी जानकारी रखते है तो आपने सेंसेक्स Sensex का नाम जरूर सुना होगा। लेकिन कई लोगो को इसके बारे में डिटेल में जानकारी नही होती है तो आज के इस लेख में हम बात करने वाले है सेंसेक्स के विषय में सेंसेक्स कैसे काम करता है और क्यों ये स्टॉक मार्केट का एक महत्पूर्ण हिस्सा है ये सब हम विस्तार में जानेंगे।
सेंसेक्स क्या है What is Sensex
सेंसेक्स Sensex का पूरा नाम Sensitive Index है यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक इंडेक्स है जो स्टॉक मार्केट के परफॉरमेंस को ट्रैक करता है इसमें BSE के टॉप 30 कंपनी के शेयर शामिल शामिल होते है ये इंडेक्स पूरे मार्केट की हेल्थ और ट्रेंड के बारे में एक आईडिया देता है। जब मार्केट में पाजिटिविटी Positivity होती है तो सेंसेक्स बढ़ता है और जब निगेटिविटी Negativity होती है तो सेंसेक्स गिरता है।
सेंसेक्स कैसे काम करता है? How does work Sensex
सेंसेक्स Sensex 30 बड़ी और प्रभावशाली कंपनियों का एक समूह होता है जो अलग-अलग सेक्टर्स को रिप्रेजेंट करता है इन कंपनी को सेलेक्ट करने के लिए कुछ स्पेसिफिक क्राइटेरिया होते है जैसे मार्केट कैपिटलाइजेशन Market Capitalisation, लिक्विडिटी Liquidity, और अन्य सेक्टर की कंपनियों का परफॉरमेंस।
ये तीस कंपनी हर समय एक जैसे नहीं रहती अगर किसी कंपनी का परफॉरमेंस अच्छा नहीं होता है तो उसे सेंसेक्स Sensex से हटा दिया जाता है और दूसरी अन्य कंपनी जिनका परफॉरमेंस अच्छा होता है उनको सेंसेक्स Sensex में जोड़ दिया जाता है। जब तीस कंपनियों के शेयर मूल्य बढ़ते है तो सेंसेक्स भी बढ़ता है और अगर कंपनी के शेयर मूल्य गिरते है तो सेंसेक्स भी नीचे जाता है। यानी सेंसेक्स Sensex एक रिफ्लेक्शन है जो कि यह बताता है कि भारत की टॉप कंपनी कैसे काम कर रही है।
सेंसेक्स की शुरुआत कब हुई:
सेंसेक्स Sensex की शुरुआत एक 1 January 1986 में हुई थी इस वक़्त पहली बार स्टॉक मार्किट के मूवमेंट को एक कॉमन स्केल पर मापने का निर्णय लिया गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है इसी स्टॉक एक्सचेंज ने सेंसेक्स को Introduce किया। इस इंडेक्स को आधार वर्ष 1978-79 मानकर 100 पॉइंट्स पर सेट किया गया था आज सेंसेक्स कई हजार पॉइंट के लेवल पर है जो मार्केट के ग्रोथ Growth को रिफ्लेक्ट Reflect करता है।
सेंसेक्स का महत्त्व Importance of Sensex:
सेंसेक्स Sensex मार्केट का हेल्थ मापने का एक तरीका है यदि आप एक निवेशक हो या स्टॉक मार्केट मे इंट्रेस्ट रखते हो तो सेंसेक्स आपको बताता है कि आपका निवेश सुरक्षित है या नहीं। अगर सेंसेक्स लगातार ऊपर जा रहा है तो इसका मतलब है मार्केट अच्छा परफॉर्म कर रहा है और अगर सेंसेक्स लगातार गिर रहा है तो इसका मतलब है कि मार्केट में प्रॉब्लम है।
सेंसेक्स Sensex से पता चलता है कि मार्किट में शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म ट्रेंड्स क्या है ये मार्किट के निवेशक के भावनाओं को भी रिफ्लेक्ट करता है जैसे अगर मार्किट को लगता है कि Goverment Policies अनुकूल है या इकॉनमी ग्रो कर रही है तो सेंसेक्स ऊपर जाता है और अगर ग्लोबल या नेशनल लेवल पर क्राइसिस Crisis होता है तो यह नीचे आता है।
सेंसेक्स में निवेश कैसे करें How to invest in Sensex
अगर आप सेंसेक्स Sensex में निवेश करना चाहते है तो आप डायरेक्ट सेंसेक्स में निवेश नहीं कर सकते है लेकिन आप उन 30 कंपनियों में निवेश कर सकते है जो सेंसेक्स में शामिल है इनके आलावा आप म्यूच्यूअल फंड्स में भी निवेश कर सकते है जो सेंसेक्स को ट्रैक करता है। म्यूच्यूअल फंड्स और इंडेक्स फण्ड में आप इनडायरेक्टली indirectly सेंसेक्स का बेनिफिट्स उठा सकते है इस फण्ड में प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर आपके पैसे को निवेश करते है और आपको लॉन्ग टर्म रिटर्न मिलते है।
सेंसेक्स और निफ़्टी में अंतर क्या है Difference between Sensex and Nifty
कई लोगो के मन में यह सवाल है कि सेंसेक्स Sensex और निफ़्टी में क्या फर्क है सेंसेक्स और निफ़्टी दोनों ही इंडेक्स है लेकिन निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज National Stock Exchange (NSE) का इंडेक्स है जबकि सेंसेक्स BSE (Bombay Stock Exchange) का इंडेक्स है निफ़्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है जबकि सेंसेक्स में टॉप 30 कंपनी शामिल होती है। दोनों इंडेक्स का काम एक है यानि की मार्केट के हालात को रिफ्लेक्ट करना लेकिन ये अलग-अलग एक्सचेंज को ट्रैक करते है जब BSE के मार्केट को परफॉर्म करता है तो सेंसेक्स Sensex मूव करता है और जब NSE का करता है तो निफ़्टी मूव करता है।
सेंसेक्स की गणना कैसे करें How to calculate Sensex:
सेंसेक्स Sensex को Free-Float Market Capitalization मेथड के द्वारा कैलकुलेट किया जाता है Free-Float का मतलब होता है वो शेयर जो पब्लिक के पास ट्रेड करने के लिए होते है इन शेयर के वैल्यू के अकॉर्डिंग सेंसेक्स Sensex कैलकुलेट Calculate होता है इस मेथड में हर कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन Capitalization को यूज़ किया जाता है जिससे प्रमोटर्स Promoters के शेयर्स को एक्सक्लूड Exclude किया जाता है इससे हमें मार्केट कंडीशन का पता लगता है और सेंसेक्स उसी हिसाब से ऊपर नीचे होता है।
निष्कर्ष Conclusion:
सेंसेक्स Sensex भारत के मार्केट का स्ट्रांग इंडिकेटर Strong Indicator है जो मार्केट की हेल्थ को रिफ्लेक्ट अगर आप स्टॉक मार्केट निवेश करने की सोच रहे है तो सेंसेक्स के मूवमेंट को समझना जरूरी है ये इंडेक्स आपको बताता है कि कौन-से सेक्टर और कंपनी ग्रो कर रहे है और कौन से नहीं।
उम्मीद है कि आपको सेंसेक्स से जुड़े हुए सारे सवालो का जवाब मिल गया होगा आपको ये आर्टिकल कैसा लगा? अगर आपका कोई सवाल है या आप किसी और टॉपिक पर जानकारी चाहते है तो कमैंट्स में लिखना न भूले।