आज के युग में पैसे इन्वेस्ट करना एक ज़रूरी और समझदारी भरा काम है लेकिन कई लोगो के लिए इन्वेस्ट करना थोड़ा मुश्किल और समझ से बाहर का लगता है। ऐसे में SIP यानि Systematic Investing Plan एक आसान और प्रभावी तरीका है जो आपको छोटी राशि के जरिये आपके भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करता है
नमस्कार दोस्तों, आज की इस लेख में हम जानेंगे SIP क्या होता है, SIP से कितना कमा सकते है? SIP कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे है इनसे जुड़े और भी टॉपिक को आसान भाषा जानेंगे।
SIP क्या होता है What is SIP?
सिप का पूरा नाम Systematic Investing Plan है यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे आप अपने पैसे को म्यूच्यूअल फंड्स में निश्चित राशि के रूप में, एक निश्चित समय पर निवेश करते है जैसे कि हर महीने, हर हफ्ते
SIP का फ़ायदा यह होता है कि आपको एक बार में बड़ा पैसा लगाने की जरूरत नहीं होती है छोटे छोटे निवेश के जरिये आप लम्बे समय तक अच्छा पैसा जमा कर सकते है
SIP में इन्वेस्ट करने से मार्केट के ऊपर नीचे होने से निवेश पर कम असर पड़ता है क्योंकि आप लगातार थोड़ी थोड़ी राशि निवेश करते है। इस प्रक्रिया को Rupee Cost Averaging (RCA) कहते है जिसमे आप जब मार्केट निचे होता है तो ज्यादा यूनिट्स खरीद पाते है और जब मार्केट ऊपर होता है तो काम यूनिट्स खरीद पाते है
SIP कैसे काम करता है?
सिप में निवेश करना काफी आसान होता है इसमें आप एक बार अपने बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट फैसिलिटी सेट करते है जिससे आपके द्वारा निर्धारित किए गए समय पर आपके अकाउंट से पैसे खुद ब खुद म्यूच्यूअल फण्ड में ट्रांसफर हो जाते है इस प्रक्रिया के जरिये आप अनुशासित Disciplined तरीके से निवेश करते है और लम्बे समय में अच्छा रिटर्न कमा सकते है
SIP के काम करने के तरीके कुछ इस प्रकार होता है:
Fixed Ammount: आप SIP के जरिये एक निश्चित राशि हर महीने निवेश करते है जैसे 500 रुपये, 1000 रुपये, 2000 रुपये या जितना भी आप बजट के हिसाब से तय करे।
Fixed Date: फिक्स तारिख को आपका पैसा खुद ब खुद म्यूच्यूअल निवेश हो जाता है इसमें आप को अपने बैंक से कोई मैन्युअल काम करने की जरूरत नहीं होती है।
Units of Allocation: जब भी आप का पैसा म्यूच्यूअल फण्ड में जाता है उस दिन के NAV (Net Asset Value) के हिसाब से आपको म्यूच्यूअल फण्ड यूनिट अलॉट होता है अगर दिन नीचे है तो आपको ज्यादा फ़ायदा यूनिट्स मिलते है और मार्केट ऊपर है तो कम यूनिट्स मिलते है।
Rupee Cost Averaging: SIP का सबसे बड़ा फ़ायदा है कि आप को मार्केट टाइमिंग की टेंशन नहीं होती है इसमें आपको मार्केट के ऊपर नीचे होने का असर कम होता है क्योकि आप नियमित समय से निवेश कर रहे होते है। इस प्रक्रिया में आप अपने औसतन खरीद लागत (Average Purchase Cost) को कम कर सकते है।
Compounding ka Fayde: SIP के जरिये आप कम्पाउंडिंग का पूरा फ़ायदा उठा सकते है। जितनी जल्दी आप सिप शुरू करते है उतना ज्यादा आपको कम्पाउंडिंग का फ़ायदा मिलता है जिसमे आपके रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है।
SIP के प्रकार:
SIP कई प्रकार के होते है जो अलग अलग निवेशकों की ज़रूरत और फाइनेंसियल गोल्स के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है हर प्रकार का SIP अपने फीचर्स के लिए जाना जाता है
यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार दिया गया है
रेगुलर एसआईपी Regular SIP:
रेगुलर सिप सबसे अधिक यूज़ करने वाला SIP है इसमें आप एक फिक्स अमाउंट को एक फिक्स टाइम पर निवेश करते है जैसे: हर महीने, हर हफ्ते, या हर रोज
रेगुलर SIP म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का व्यवस्थित और अनुशासित तरीका है।
टॉप-अप एसआईपी (Top-Up SIP):
अगर आप अपनी कमाई के बढ़ने पर अपना SIP अमाउंट भी बढ़ाना चाहते है तो टॉप-अप सिप सही होता है। इसमें आप अपनी एसआईपी के अमाउंट को टाइम के साथ आठ बढ़ा सकते है जैसे अगर आप अभी 1000 रुपये निवेश कर रहे है अगले साल इसे बढ़ा कर 1500 रुपये या 2000 रुपये कर सकते है।
Perpetual SIP:
इस पर प्रकार की एसआईपी का कोई समय सीमा नहीं होता है आप अपने लाइफ टाइम तक निवेश कर सकते है जब तक आप इसे बंद नहीं करेंगे तब तक यह बंद नहीं होगा। ये उन लोगो के लिए है जो लम्बे समय के लिए निवेश करना चाहते है।
फ्लेक्सिबल एसआईपी (Flexible SIP):
इस प्रकार की एसआईपी में आप अपनी निवेश को बढ़ा या घटा सकते है या फिर कुछ समय के लिए रोक भी सकते है। अगर कभी आपकी फाइनेंसियल कंडीशन कमजोर हो तो आप अपनी SIP कुछ समय के लिए स्टॉप कर सकते है।
SIP करने के क्या फायदे है?
SIP के कई फायदे होते है जो इसे पॉपुलर निवेश का माध्यम बनाते है यहाँ कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित है।
- SIP में जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं होता है वो छोटी राशि से निवेश शुरू कर सकते है जैसे ₹500 या ₹1000
- SIP के जरिये आप एक निर्धारित तरीके से हर महीने या हर हफ्ते निवेश कर सकते है।
- SIP अगर आप रेगुलर निवेश करते है तो आपको अलग अलग मार्केट प्राइज म्यूच्यूअल फंड्स मिलते है।
- SIP के जरिये आप को कम्पाउंडिंग का पूरा फ़ायदा मिलता है।
- SIP का फ़ायदा यह भी है कि आप अपने फाइनेंसियल कंडीशन के SIP को कुछ समय के लिए रोक सकते है।
SIP और Lumpsum निवेश में क्या अंतर है?
म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश के दो प्रमुख तरीके होते है SIP और Lumpsum इन दोनों में क्या फर्क होता है ये समझना जरूरी है।
SIP:
एसआईपी में आप थोड़ा थोड़ा पैसा रेगुलर टाइम पर निवेश करते है। जो लोग म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करने की सोच रहे है उनके लिए ये सही है क्योकि इसमें मार्केट टाइमिंग का रिस्क कम होता है और आप छोटी राशि से शुरू कर सकते है।
Lumpsum:
लम्पसम निवेश में आप एक बार में एक बड़ी राशि इन्वेस्ट करते है ये उन लोगो के लिए अच्छा होता है जिनके पास एक बड़ी राशि उपलब्ध होता है और जो मार्केट के बारे में अच्छी नॉलेज रखते है।
SIP से कितना कमा सकते है?
SIP से किता कमा सकते है, ये आपके निवेश की राशि, समय सीमा और म्यूच्यूअल फंड्स के परफॉरमेंस पर निर्भर करता है। अगर आप लम्बे समय तक एसआईपी में निवेश करते है और अच्छा रिटर्न मिलता है तो आप एक बड़ी राशि बना सकते है।
मान लीजिये आप 20 साल तक ₹5000 हर महीने निवेश करते है और आपको 12% का वार्षिक रिटर्न मिलता है तो 20 साल बाद आपकी कुल राशि करीब 50 हो सकती है। ये कम्पाउंडिंग का जादू होता है, जो आपको लम्बे समय के लिए निवेश पर मिलता है।
निष्कर्ष:
एसआईपी अपने पैसे को निवेश करने का सुरक्षित और आसान तरीका है इसमें आप थोड़ा थोड़ा करके लम्बे समय तक निवेश करते है और बड़ा रिटर्न कमा सकते है। आप चाहे नए निवेशक हो या पुराने हो एसआईपी सबके लिए एक अच्छा विकल्प है अगर अभी तक आप एसआईपी शुरू नहीं किये है तो जल्दी से शुरू करे और अपने फाइनेंसियल गोल्स को पूरा करे।