ट्रेडिंग का नाम सुनते ही लोगो के में मन में शेयर बाजार और स्टॉक नजर आता आता है लेकिन ट्रेडिंग इससे कही ज्यादा विस्तृत प्रक्रिया है आसान शब्दों में कहे तो ट्रेडिंग वस्तुओं, सेवाओं सम्पत्तियों और यहाँ तक की मुद्रा की खरीद बिक्री का एक माध्यम है।
आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे की ट्रेडिंग क्या है, ट्रेडिंग कैसे काम करता है ट्रेडिंग से लोग पैसे कैसे कमाते है साथ में हम जानेंगे ट्रेडिंग करने के फायदे और नुकसान के भी बारे में और इससे जुडी और बहुत-सी जानकारियां हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
ट्रेडिंग क्या है What is Trading?
किसी भी वस्तु सम्पत्ति या मुद्रा की खरीद बिक्री करना ट्रेडिंग कहलाता है यहाँ लोग अपने लाभ के लिए अलग अलग सम्पत्तियों का आदान प्रदान करते है ट्रेडिंग का मुख्य उद्देशय लाभ कमाना होता है इसमें खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों को किसी वस्तु के बदले लाभ मिलने की उम्मीद होती है
ट्रेडिंग को हम दो मुख्य भागो में बांट सकते है
फिजिकल ट्रेडिंग (Physical Trading): इसमें वस्तुओं या सेवाएं एक जगह से दूसरे जगह पर स्थानांतरित किया जाता है जैसे धातुएं या अन्य भौतिक वस्तुओं की खरीद बिक्री से मुनाफा कमाया जाता है।
फाइनेंसियल ट्रेडिंग (Financial Trading): इसमें फाइनेंसियल संपत्ति जैसे शेयर, बॉन्ड, मुद्रा और अन्य फाइनेंसियल उत्त्पादो की खरीद बिक्री होती है यह ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी किया जा सकता है
ट्रेडिंग के प्रकार (Types of Trading)
वैसे तो ट्रेडिंग कई प्रकार के होते है और हर एक का अपना विशेष महत्त्व और तरीका होता है तो आइये जानते है कुछ प्रमुख ट्रेडिंग के बारे में
स्केल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading): स्केल्पिंग ट्रेडिंग एक ऐसी शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग प्रक्रिया है जिसमे निवेशक बहुत कम समय में छोटे छोटे मुनाफे को लक्ष्य बनाते है स्कल्पिंग ट्रेडिंग को सबसे तेज ट्रेडिंग शैली माना जाता है इसमें निवेशक कुछ घंटो में ही ट्रेड पूरा कर लेते है
मार्जिन ट्रेडिंग (Margin Trading): मार्जिन ट्रेडिंग एक प्रकार की ट्रेडिंग है, जिसमे निवेशक को अपने ट्रेडिंग खाते में पैसे से अधिक मात्रा में निवेश करने की सुविधा मिलती है। इसे एक प्रकार का उधार लिया गया पैसा समझ सकते है
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading): इसमें शेयर की खरीदी बिक्री एक ही दिन के भीतर की जाती है। इसमें निवेशक एक ही दिन में बाज़ार से लाभ कमाने की कोशिश करते है
डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading): इसमें निवेशक लम्बे समय के लिए शेयर निवेश करते है। डिलीवरी ट्रेडिंग में खरीदे गए शेयर को एक दिन से अधिक समय तक होल्ड करके रखा जाता है और उनका मकसद लाभ कमाना होता है
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading): स्विंग ट्रेडिंग में निवेशक शेयर को कुछ दिनों या हफ्तों तक होल्ड करते है। इसमें समय अधिक लगता है लेकिन इसमें दिनभर बाजार पर नजर रखने की जरूरत नहीं होती है
पोजिशनल ट्रेडिंग (Positional Trading): पोजिशनल ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग शैली है इसमें निवेशक लम्बे समय के लिए (कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों या सालों तक) किसी स्टॉक, कमोडिटी, या अन्य वित्तीय परिसम्पत्ति को होल्ड करके रखते है
ट्रेडिंग कैसे काम करता है How does work Trading?
ट्रेडिंग का प्रोसेस बहुत आसान होता है ट्रेडर किसी स्टॉक, कमोडिटी, मुद्रा को खरीदते है और फिर उसकी कीमत बढ़ने पर उसे बेचते है जब बाजार में कीमते गिरती है तो कुछ निवेशक उसे बेचकर अपने निवेश को सुरक्षित रखने की कोसिस करते है।
ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य कीमतों में होने वाले अंतर मुनाफा कमाना है यह बहुत तेजी से मुनाफा देने वाला हो सकता है लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। इसमें बाजार की चाल का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल होता है इसलिए ट्रेडिंग के दौरान जोखिम रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management) जरूरी है
ट्रेडिंग के फायदे:
ट्रेडिंग के बहुत सारे फायदे होते है जो निवेशकों को बाजार से मुनाफा कमाने के अवसर प्रदान करता है इसके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते है यदि सही तरीके से किया जाये तो ट्रेडिंग एक लाभकारी गतिविधि हो सकती है
ट्रेडिंग के प्रमुख फायदे निम्नलिखित है
लाभ कमाने का मौका देता है।
ऑनलाइन प्लेटफार्म की मदद से आप कभी भी कही से भी ट्रेडिंग कर सकते है।
आप ब्रोकर से उधार लेकर निवेश कर सकते है जो आपके मुनाफे को बढ़ा सकता है।
ट्रेडिंग में आप बाजार के उतार चढ़ाव से लाभ कमा सकते है।
तकनीकी और फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) की मदद से आप बाजार को पहचान सकते है।
ट्रेडिंग के नुकसान:
ट्रेडिंग के जितने फायदे होता है उतने नुकसान भी हो सकते है कई बार गलत निर्णय लेने के कारण निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है ट्रेडिंग के कुछ नुकसान निम्नलिखित है
ओवर ट्रेडिंग (Over Trading):
ट्रेडर शॉर्ट टर्म में ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में बार बार ट्रैड करते है जिसे ओवर ट्रेडिंग कहते है इससे ज्यादा शुल्क और बार बार निर्णय लेने की वजह से नुकसान होने का खतरा रहता है।
उच्च जोखिम (High Risk)
ट्रेडिंग शुल्क और कमीशन (Trading fees and Commissions)
ज्ञान और अनुभव की कमी (Lack of Knowledge and Experience)
तकनीकी समस्याएं (Technical Issues)
लॉस को रिकवर करने में समय लगता है
सफल ट्रेडर के लिए महत्वपूर्ण टिप्स (Important tips for a successful Trader)
मार्केट ट्रेंड्स को फॉलो करना: बाजार में चल रहे ट्रेंड्स का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है लगातार बाजार के साथ चलने वाले ट्रेड अधिक मुनाफा कमाते है।
अकाउंट और प्लेटफार्म: ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है आज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मदद से ट्रेडिंग करना बहुत आसान हो गया है
जोखिम प्रबंधन (Risk Management): ट्रेडिंग में हमेशा जोखिम होता है इसलिए आपको अपने निवेश का एक हिस्सा ही जोखिम में डालना चाहिए और हमेशा स्टॉप लॉस (Stop Loss) का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि बड़ा नुकसान होने से बचा जा सके।
भावनाओं पर नियंत्रण (Control over Emotions): ट्रेडिंग में लालच और डर आपके निर्णय को प्रभावित कर सकता है इसलिए आपको अनुशासन में रहना चाहिए
निष्कर्ष Conclusion
ट्रेडिंग एक आकर्षक और लाभकारी निवेश विकल्प है लेकिन इसके साथ साथ इसमें उच्च जोखिम (High Risk) भी होता है इसलिए पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बहुत सी जानकारिया हासिल करे उसके बाद मार्केट में ट्रेड करना शुरू करें यदि आप सही जानकारी और अनुशासन के साथ इसमें प्रवेश करते है तो आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है।